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गोरखपुर मौत मामला : मीडिया ने जिसे बनाया ‘हीऱो’ असल में वो निकला बड़ा ‘विलेन’

गोरखपुर : गोरखपुर के बीआरडी कॉलेज में एक साथ 30 बच्चों की मौत के मामले में सियासी घमासान अभी जारी है। इस मामले में योगी सरकार द्वारा सख्त कार्यवाही भी की जा रही है। इस मौत के मामले ने न सिर्फ यूपी बल्कि देश और विदेश तक को भी हिला कर रख दिया है। भारतीय मीडिया के साथ-साथ विदेशी मीडिया ने भी गोरखपुर में बच्चों की हुई मौत की घटना को प्रमुखता से प्रकाशित किया है। वही इस घटना में मीडिया में हीरो बने बी आर डी कॉलेज के सुपरिटेंडेंट और वाइस प्रिंसिपल डॉक्टर काफ़िल के बारे में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है, जिसके बाद उसके रहनुमाई पर सवाल खड़े हो गए हैं। वही कार्यवाही करते हुए डॉक्टर काफ़िल को उनके पद से हटा दिया गया है।

दरअसल मेडिकल कॉलेज से जुड़े कई लोगों ने उन मीडिया रिपोर्ट्स पर हैरानी जताई है, जिनमें कफील को किसी फरिश्ते की तरह दिखाया गया है, जबकि सच्चाई बिल्कुल अलग है। डॉ कफील बीआरडी मेडिकल कॉलेज के इन्सेफेलाइटिस डिपार्टमेंट के चीफ नोडल ऑफिसर हैं लेकिन वो मेडिकल कॉलेज से ज्यादा अपनी प्राइवेट प्रैक्टिस के लिए जाने जाते हैं।

उनपर आरोप है कि वो अस्पताल से ऑक्सीजन सिलेंडर चुराकर अपने निजी क्लीनिक पर इस्तेमाल किया करता थे। जानकारी के मुताबिक कफील और प्रिंसिपल राजीव मिश्रा के बीच गहरी साठगांठ थी और दोनों इस हादसे के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार हैं। लेकिन हादसे के बाद से ही उन्हें फरिश्ते की तरह दिखाया गया। कहा जा रहा है कि इसमें उन्होंने अपने पत्रकार दोस्तों की मदद ली।

मेडिकल कॉलेज के कई कर्मचारियों और डॉक्टरों ने इस बात की पुष्टि की है कि डॉक्टर कफील वहां होने वाली हर खरीद में कमीशन लेता था और उसका एक तय हिस्सा प्रिंसिपल राजीव मिश्रा तक पहुंचाता था। ऑक्सीजन कंपनी पुष्पा सेल्स के साथ चल रहे विवाद में भी राजीव मिश्रा के साथ कफील का बड़ा हाथ था। इस मामले में एक निज़ी चैनल ने जितने लोगों से भी बात की उनमें से ज्यादातर का यही कहना था कि डॉक्टर राजीव मिश्रा, उनकी पत्नी पूर्णिमा शुक्ला और डॉ. कफील अहमद सारे हादसे के असली दोषी हैं।

मेडिकल कॉलेज के कई कर्मचारियों ने बताया कि शुक्रवार को जब बच्चों की मौत की खबर पर हंगामा मचा तो कफील अपने प्राइवेट अस्पताल में थे। वहां से उन्होंने कुछ सिलेंडरों को अस्पताल भिजवा दिया, क्योंकि ये वो सिलेंडर थे जो वो खुद मेडिकल कॉलेज से चोरी करके ले गए थे। उन्होंने मीडिया को बताया कि इन सिलेंडरों का इंतजाम उन्होंने अपनी जेब से किया है जबकि ऐसा कुछ नहीं था।

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