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गरीबी की मार झेल रही छात्रा ने सीएम योगी को लिखा पत्र, की अपनी और नानी की इच्छामृत्यु की मांग

बुलंदशहर : सरकार भले हीं गरीबों के हितों में शुरू किये गए तमाम सरकारी योजनाओं को लेकर कितने हीं दावे क्यों न कर ले, लेकिन हकीकत यही है कि इस सरकारी योजनाओं के लाभ से गरीब तबका अभी वंचित है और इन योजनाओं का लाभ उठाकर बिचौलिए मालामाल हो रहे हैं। गरीबों के मनसूबे सरकार बदलने के साथ बदलती जरूर है, लेकिन जल्द हीं उनके मंसूबों पर पानी फिर जाता है और फिर से उसी बेबसी की शुरुआत हो जाती है। ताज़ा मामला यूपी के जनपद बुलंदशहर का है, जहाँ एक छात्रा के द्वारा सीएम योगी को लिखे गए पत्र ने तमाम सरकारी दावों की पोल खोल दी है।

जनपद के ककोड़ थाना क्षेत्र के गांव बहोराबास पोस्ट रूपवास पचगई निवासी भूरी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखे पत्र में बताया कि माता-पिता की काफी साल पहले मौत हो गई थी। तब से वह विधवा नानी के पास रह रही है। वह इस समय बीए द्वितीय वर्ष की छात्रा है। भूरी ने बताया कि उनके पास न तो जमीन है और न ही कमाने का कोई अन्य साधन। घर के नाम पर एक छप्पर है, नल है न शौचालय। आर्थिक स्थिति इतनी खराब है कि दो जून की रोटी के भी लाले हैं। कई बार आवेदन करने पर भी उसे छात्रवृत्ति नहीं मिली। आर्थिक तंगी के चलते दोनों मानसिक तनाव में हैं। गरीबी से लड़ते-लड़ते हौसला टूटने लगा है। भूरी ने मुख्यमंत्री योगी को पत्र लिखकर किसी भी योजना के तहत आर्थिक मदद दिए जाने की मांग की है। मांग पूरी न होने की स्थित में भूरी ने अपनी नानी के साथ इच्छा मृत्यु की अनुमति मांगी है।

वहीँ मामला संज्ञान में आने के बाद SDM वेदप्रकाश मिश्रा ने कहा कि यदि छात्रा आर्थिक सहायता के लिए आवेदन करती है तो जांच कराई जाएगी। पात्र पाए जाने पर मुख्यमंत्री राहत कोष से आर्थिक सहायता के लिए संस्तुति करेंगे।

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