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सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, देश भर में तीन तलाक पर लगाई रोक, केंद्र सरकार को दिए कानून बनाने के निर्देश
नई दिल्ली : देशभर में तीन तलाक को लेकर जारी बवाल के बीच आज सुप्रीम कोर्ट में इस मुद्दे को लेकर सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट में 5 जजों की संवैधानिक पीठ के तीन जजों ने तीन तलाक को असंवैधानिक बताते हुए इस प्रथा को मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन बताया, जबकि चीफ जस्टिस जेएस खेहर ने कहा कि तीन तलाक धार्मिक प्रक्रिया और भावनाओं से जुड़ा मामला है, इसीलिए इसे एकदम से खारिज नहीं किया जा सकता। खेहर ने इस मुद्दे पर संसद और केंद्र सरकार को कानून बनाने के निर्देश दिए। तीन तलाक से जुड़े मुद्दे पर कानून बनाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को 6 महीने का समय दिया, जबकि अनुच्छेद 142 के तहत विशेष शक्तियों का प्रयोग करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 6 महीने तक के लिए देशभर में तीन तलाक पर रोक लगा दिया। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इस अवधि में देश भर में कहीं भी तीन तलाक मान्य नहीं होगा।
आपको बता दें कि तीन तलाक से जुड़े मुद्दे को लेकर बीजेपी लगातार इनके खिलाफ रही है और तीन तलाक को मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन करार देती रही है। अब ऐसे में सुप्रीम कोर्ट द्वारा तीन तलाक को असंवैधानिक करार देना और इस पर 6 महीने तक के लिए रोक लगाना, इस मुद्दे पर मोदी सरकार की एक बड़ी जीत मानी जा सकती है। साथ ही जिस तरीके से सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार को 6 महीने के भीतर कानून बनाने के निर्देश दिए हैं, इससे यह साफ हो जाता है कि मोदी सरकार मुस्लिम महिलाओं से जुड़े इस मुद्दे पर कानून बनाकर मुस्लिम महिलाओं के बीच अपनी राजनीतिक पैठ बनाने में कामयाबी हासिल करेगी।
ऐसे में अब यह देखना दिलचस्प होगा कि मोदी सरकार इस मुद्दे से जुड़े किस तरह का कानून बनाती है और उस पर किस तरह से अमल किया जा सकता है ? एक और बात जो गौर करने वाली होगी वह यह कि मोदी सरकार द्वारा बनाए गए कानून पर मुस्लिम संगठनों की क्या राय होती हैं ? बहरहाल अभी सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मुस्लिम संगठनों क्या प्रतिक्रिया देते हैं ? यह देखना भी दिलचस्प होगा।