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फिर सुलगी डोकलाम विवाद की आग, भारत और चीन के बीच बढ़ा तनाव, आर्मी ने संभाला मोर्चा

नई दिल्ली : 9वीं ब्रिक्स सम्मेलन से पहले भारत और चीन के बीच चल रहे डोकलाम विवाद का दोनों देशों ने मिलकर हल तलाश लिया और अपनी-अपनी सेना को डोकलाम से हटाने पर राजी हो गए। जिसके बाद बताया गया कि दोनों देशों की सेना डोकलाम से पीछे हट गई और संभावित युद्ध का खतरा भी टल गया, लेकिन सुलह होने के 15 दिन बाद चीन ने एक बार फिर अपना असली रंग दिखाना शुरू कर दिया है।

डोकलाम विवाद पर 15 दिन बीत जाने के बाद एक बार फिर इस मुद्दे पर अपनी मक्कारी दिखाई है, जिससे एक बार फिर दोनों देशों के बीच तनाव पैदा होने लगा है। आइए जानते हैं कि पूरा माजरा क्या है।

दरअसल दोनों देशों के बीच हुए सुलह की शर्तों में दोनों देशों की सेनाओं को डोकलाम से हटाना शामिल था, लेकिन सुलह की शर्तों से इतर चीनी सैनिक डोकलाम से सिर्फ डेढ़ सौ मीटर पीछे हटे हैं और डोकलाम से ठीक पीछे अपने बंकर भी बना रहे हैं। चीनी सैनिकों द्वारा बनाई जा रही बंकरों से संभावित युद्ध का खतरा एक बार फिर बढ़ने लगा है।

बता दें कि 8 सितंबर को नाथू ला दर्रे के पास भारतीय सेना और चीनी सेना की कमांडर लेवल की बैठक हुई। उसमें ये मुद्दा भी भारत ने उठाया। चार घंटे तक चली इस बैठक में भारतीय सेना ने साफ कह दिया कि जब तक चीनी सैनिक इलाके को पूरी तरह खाली नहीं करते, तब तक 28 अगस्त को हुआ डिसएंगेजमेंट का समझौता पूरा नहीं होगा, लेकिन चीन एक बार फिर मक्कारी पर उतर आया है, लिहाजा अब भारतीय सेनाएं भी डोकलाम में बॉर्डर से करीब 150 मीटर की दूरी पर डटी हुई हैं।

चीन और भारत के बीच सीमा पर एक बार फिर से तनाव पनपने लगा है। कहा जा रहा है कि सिर्फ भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी की चीन यात्रा के लिए ही चीनी सैनिक एक सोची समझी स्ट्रैटजी के तहत पीछे हटे थे। हालांकि चीनी और भारतीय फौजियों के बीच तनाव फिर से शुरू हो रहा है, लेकिन एक बात ये भी है कि इस बार दोनों देशों की फौजें कमांडर लेवल पर पहले ही बात भी कर रही हैं।

हालांकि ये तो साफ है कि डोकलाम को चीन धीरे-धीरे एक नासूर बना देने की फिराक में है और इससे इंडियन आर्मी और सरकार को बेहद होशियारी के साथ निपटना होगा।

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