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फेसबुक के संस्थापक मार्क जकरबर्ग की सफलता का ये है सबसे बड़ा राज़
नई दिल्ली : डिजिटल होते इस युग में सोशल मीडिया की महत्ता को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। भारत हीं नहीं बल्कि दुनिया भर की बड़ी आबादी आज सोशल मीडिया से जुडी है और अपने विचारों का अपने-अपने तरीके से आदान-प्रदान करते हैं। सोशल मीडिया यूज़ करने वाले लोगों में अधिकांश लोग आज फेसबुक से जुड़े हैं। फेसबुक से जुड़े लोग फेसबुक के संस्थापक मार्क जकरबर्ग के बारे में भी अच्छी तरह से जानते होंगे। अभी तक आपने मार्क जकरबर्ग के बारे में बहुत कुछ सूना होगा, लेकिन आज जो हम आपको बताने जा रहे हैं, उससे आप यकीनन रूबरू नहीं होंगे।
फेसबुक के जन्मदाता मार्क जकरबर्ग के सफलता के बारे में आप में से बहुतों ने सूना होगा। उनकी सफलता की कहानी आज हर किसी के जुबान पर है, लेकिन मार्क जकरबर्ग के लिए सफलता की राह इतनी आसान नहीं थी। उनके इस सफलता को जानने के लिए आज हम आपको उनके एक इंटरव्यू से रूबरू करवाते हैं।
2011 में एक इंटरव्यू में मार्क जकरबर्ग ने कहा था कि सवाल यह नहीं है कि लोग आपके बारे में क्या जानना चाहते हैं बल्कि सवाल यह है कि लोग अपने बारे में क्या बताना चाहते हैं। फेसबुक के लिए कही गई मार्क की यह बात साबित करती है कि लोगों के लिए कम्युनिकेशन का इससे बढ़िया कोई तरीका नहीं है। फेसबुक की जबरदस्त सफलता के चलते 23 साल की उम्र में मार्क जकरबर्ग 2007 में अरबपति बन गए थे।
ये हैं उनकी सफलता के राज़
1. मार्क के जुनून का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि 12 साल की उम्र से ही उन्हें कंप्यूटर से लगाव था. उनका लगाव प्रोग्रामिंग डेलवपमेंट तब और बढ़ा जब उनके पिता ने उन्हें C++ नाम की एक किताब तोहफे में दी. इसके बाद जकरबर्ग ने एक ऐसा बेसिक मैसेजिंग प्रोग्राम जकनेट बनाया था जिसका इस्तेमाल उनके पिता अपने डेंटल ऑफिस में करते थे. इस प्रोग्राम के जरिए उनकी रिसेपशनिस्ट उन्हें इंफॉर्म करती थी.
2. जकरबर्ग का मानना है कि सफलता की एक ही गारंटी हैं लाइफ में रिस्क लेना. मार्क ने कभी भी नौकरी का लालच नहीं किया. 17 साल की उम्र में मार्क ने दोस्तों के साथ मिलकर सिनेप्स मीडिया प्लेयर बनाया जो यूजर की पसंद के गानों को स्टोर कर लेता था.
3. जकरबर्ग में सीखने की इतनी ललक थी कि फेसबुक से पहले उन्होंने फेसेसमास नाम से एक वेबसाइट बनाई थी. इस साइट में दो स्टूडेंट की फोटो की एक साथ तुलना की जा सकती और यह तय किया जा सकता था कि कौन ज्यादा हॉट है. इस वेबसाइट से स्कूल में काफी विवाद हो गया. स्टूडेंट्स का मानना था कि इस तरह फोटो अपलोड करना उनकी पर्सनल लाइफ में दखलअंदाजी करने के बराबर है. लेकिन मार्क ने हिम्मत नहीं हारी और फेसेसमास के यूजर्स की संख्या करीब 10 लाख तक पहुंच गई.
4. 2004 में जकरबर्ग ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर द फेसबुक नाम से एक ऐसी साइट बनाई थी जिस पर यूजर अपना प्रोफाइल बना सके और फोटो अपलोड कर सकें. इसके बाद जकरबर्ग ने कॉलेज छोड़ दिया और अपना पूरा समय फेसबुक को देने लगे. फेसबुक की कामयाबी का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि 2004 के आखिर तक तरह फेसबुक के 1 मिलियन यूजर्स हो गए.
5. 2005 में वेंचर कैपिटल एक्सेल पार्टनर ने 12.7 मिलियन डॉलर फेसबुक नेटवर्क में निवेश किए. सबसे पहले फेसबुक को आईवे लीग के स्टूडेंट्स के लिए खोला गया इसके बाद दूसरे कॉलेजों, स्कूलों, इंटरनेशनल स्कूलों के लोग भी इससे जुड़ने लगे. दिसंबर 2005 तक इस साइट की मेंबरशिप 5.5 मिलियन यूजर्स हो गई.
6. फेसबुक को इस ऊंचाई तक पहुंचाने में जकरबर्ग को काफी परेशानियों का भी सामना करना पड़ा. एक बार तो हावर्ड कनेक्शन के क्रिएटर्स ने उन पर आरोप लगाया कि जकरबर्ग ने उनका आइडिया चुराया है. इस वजह से मार्क को उन्हें नुकसान की भरपाई करनी होगी.
7. इन सबके बावजूद टाइम मैग्जीन ने 2010 में उन्हें पर्सन ऑफ द ईयर और फोर्ब्स ने उन्हें दुनिया के सबसे श्ाक्तिशाली लोगों की लिस्ट में 35वीं रैंक दी. मार्च 2015 में जारी आंकड़ों के मुताबिक फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग की अनुमानित आय 35.1 बिलियन अमेरिकी डाॅलर की संपत्ति है. फेसबुक के सीईओ के तौर पर जकरबर्ग की सैलरी एक डॉलर है.
8. 2013 में फेसबुक ने फॉर्च्यून की लिस्ट में जगाह बनाई और जकरबर्ग इस लिस्ट में 28 साल के सबसे कम उम्र के सीइओ थे.
9. 2010 में अमेरिका में मार्क जकरबर्ग की लाइफ पर आधारित फिल्म ‘द सोशल नेटवर्क’ भी रिलीज हो चुकी है.
10. जकरबर्ग के नाम पर 50 पेटेंट्स हैं. इनमें से सबसे पहला 2004 में जारी किया गया, जिसका नाम सिनेप्स मीडिया प्लेयर है.