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बिहार में बाढ़ ने मचाया तांडव, कई गाँव हुए जलमग्न, जन-जीवन अस्त व्यस्त

पटना : बिहार के कई जिलों में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण बाढ़ की समस्या उत्पन्न हो गई है। लगातार बारिश के कारण कई गांव जलमग्न हो गए हैं और सड़क संपर्क पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है। बाढ़ के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। बताया जा रहा है कि लगातार हो रही बारिश और नेपाल की तरफ से छोड़े गए पानी के कारण भारत नेपाल सीमा के पास के जिलों में बाढ़ की स्थिति भयावह हो गई है। बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित सीमावर्ती जिले किशनगंज, अररिया, पूर्णिया, सुपौल, मधेपुरा, कटिहार, पूर्वी व पश्चिमी चंपारण, मधुबनी, सीतामढ़ी है।

कई जगहों पर ट्रैक डूबने से 17 से अधिक ट्रेनें या तो रद्द कर दी गयी हैं या उन्हें डायवर्ट कर दिया गया है। कई एनएच व एसएच पर यातायात बंद हो गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह और रक्षा मंत्री अरुण जेटली से फोन पर बात कर हालात की जानकारी दी और व्यापक स्तर पर राहत एवं बचाव कार्य के लिए मदद मांगी।

सीएम ने सेना के अलावा एनडीआरएफ की 10 अतिरिक्त टुकड़ियां भेजने व सेना के हेलीकॉप्टर को तुरंत बचाव कार्य में लगाने का आग्रह किया, साथ ही उन्होंने संबंधित विभाग के मंत्रियों व आला अधिकारियों के साथ आपातकालीन बैठक की और आवश्यक निर्देश दिये। सीएम के निर्देश पर बाढ़ग्रस्त जिलों के प्रभारी प्रधान सचिवों को हेलीकॉप्टर से संबंधित जिले में भेजा गया। वहीं, दानापुर कैंट से सेना के 80 जवानों को किशनगंज के लिए रवाना किया गया।

उधर, केंद्र ने एनडीआरएफ के करीब 320 जवानों को भेजा है। सीएम से बातचीत के बाद केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्विटर पर लिखा कि केंद्र राहत व बचाव कार्य में मदद करने के लिए एनडीआरएफ की अतिरिक्त टीमें रवाना कर रहा है। एनडीआरएफ की करीब सात टीमें पहले ही बिहार के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में पहुंच चुकी हैं। हर टीम में 45-45 जवान हैं।

रविवार की सुबह 1 अणे मार्ग में आयोजित बैठक में सीएम ने कहा कि एसडीआरएफ की सभी टीमों को बाढ़ग्रस्त इलाके में तैनात कर दिया गया है। केंद्र ने हर तरह से मदद देने का आश्वासन दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि तीन जिले कटिहार, पूर्णिया और किशनगंज में बाढ़ की स्थिति सबसे ज्यादा चिंताजनक है। इन जिलों के दर्जनों गांव बाढ़ के पानी से पूरी तरह से घिर गये हैं। सीएम ने पीड़ित जिलों के प्रभारी सचिवों को हवाई मार्ग से अपने-अपने जिले में पहुंच कर कैंप शुरू करने का निर्देश दिया, साथ ही, अपने-अपने जिले में राहत एवं बचाव कार्य में तेजी लाने और इसकी निरंतर मॉनीटरिंग करने के लिए भी कहा।

 

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