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अपनी मांगों को लेकर बैंक कर्मचारियों की हड़ताल, सरकारी बैंकों पर लटका ताला
नई दिल्ली : तीन मुद्दों पर विरोध और छह मांगों को मनवाने को लेकर आज देश भर के 10 लाख से ज्यादा बैंक कर्मचारी आज हड़ताल पर हैं। हालाँकि इस हड़ताल का असर प्राइवेट बैंकों पर देखने को नहीं मिलेगा, क्योंकि इस हड़ताल में सरकारी बैंकों के कर्चारी हिस्सा ले रहे हैं। बता दें कि बैंक कर्मचारियों की ये हड़ताल श्रम कानूनों में परिवर्तन और बैंकों का विलय करने के खिलाफ को लेकर है। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन (यूएफबीयू) के आह्वान पर देश के 10 लाख बैंक कर्मचारी हड़ताल पर हैं।
बता दें कि एसबीआई, पीएनबी, बैंक ऑफ बडौदा, इलाहाबाद बैंक, यूनियन बैंक, यूको आदि बैंकों के अधिकारी- कर्मचारी यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के बैनर तले आज हड़ताल पर हैं। यूनाईटेड फोरम की मांग है कि सरकार बैंकिंग सुधारों को वापस ले और बैंकों में पर्याप्त भर्ती शुरू करे। साथ ही एनपीए वसूली के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं। अगर सरकार न चेती तो 15 सितंबर को दिल्ली कूच होगा।
बैंक कर्मचारियों का कहना है कि सरकार सुधारों के नाम पर भारतीय बैंकिंग क्षेत्र का निजीकरण और एकीकरण करना चाहती है। कर्मचारियों का कहना है कि सरकार बैंक बोर्ड ब्यूरो (बीबीबी) का गठन करके सार्वजनिक क्षेत्र के सभी बैंकों को एक बैंकिंग निवेश कंपनी के तहत लाने का काम करने जा रही है, जिसका कर्मचारी विरोध कर रहे हैं।