उत्तर प्रदेश
गोण्डा : कोरम के अभाव में बैठक हुई रद्द, गुप्त मतदान के द्वारा ही कराया जाए कोटे की दुकान का चयन
गोण्डा : जनपद के विकास खण्ड छपिया के अन्तर्गत ग्राम पंंचायत महुलीखोरी मे कोटे को लेकर खुली बैठक मे काफ़ी अफरा-तफरी का माहौल रहा। कोरम के अभाव में बैठक रद्द कर दी गई। बैठक में शामिल होने आए ग्रामीण मायूस होकर लौट गए। ग्रामीणो नेे मांंग की है कि गुप्त मतदान के ही द्वारा कोटे का चयन कराया जाये।
दरअसल विकास खण्ड छपिया के ग्राम पंचायत महुलीखोरी में कोटे की दुकान को अनियमतता के चलते 25 जून 2016 को निरस्त कर दिया गया। यह दुकान सूरसता देवी के नाम थी। दुकान निरस्त होने पर महुलीखोरी कोटे की दुकान को दूसरे गांव के कोटे से सम्बद्ध कर दिया गया, जिससे गांंव वालों को दूसरे गांव मे जाकर कोटे से सम्बन्धित वस्तुए प्राप्त करने मे काफी कठिनाईयो का सामना करना पडता था, जिसको लेकर महुलीखोरी ग्राम सभा के लोग शासन एवं प्रशासन से मांंग की थी कि निरस्त दुकान का चयन कराकर नये कोटेदार की नियुक्ती कराई जाय। इसी को लेकर 01/08/2017 को उपजिलाधिकारी मनकापुर के र्निदेश पर ग्राम पंंचायत की खुली बैठक उच्च माध्यमिक विद्दालय महुलीखोरी के प्रांंगण बुलाई गई थी, जिसमें बैठक को लेकर जनता काफी उत्सुक थी कि आज इस बैठक से गांंव का कोटेदार का चयन हो जायेगा। लेकिन खुली बैठक को लेकर विकास खण्ड छपिया से नामित प्रवेक्षणीय अधिकारी तथा ग्राम पंचायत सचिव ने जैसे यह बताया कि ग्राम पंचायत के उपस्थित लोग पहले हस्थाक्षर करे उसके बाद जितने आवेदन कोटेदारी के लिए आयेगा उन लोगो के साथ खुले रुप से बैठकर समर्थन के लिए गिनती करानी पड़ेगी, इतना सूनते ही तमाम गांव के लोग बैठक से भागने लगे कि कौन किसके पक्ष मे हाथ उठाकर गांंव मे ही किससे दुश्मनी मोल लेगा तथा इसको लेकर प्रवेक्षणीय अधिकारी से गुप्त मतदान कराये जाने की मांंग करने लगे, लेकिन प्रवेक्षणीय अधिकारी ने ग्रामीणो से कहा गुप्त मतदान संभव नही है। उसके बाद गांव के तमाम लोग बैठक छोडकर चले गये ।
प्रवेक्षणीय अधिकारी द्वारा बैठक शुरु करने के लिए ग्राम सभा के लोगों का उपस्थित के सम्बन्ध मे हस्ताक्षर कराना शुरु किये तो मात्र 359 लोगो की ही उपस्थित पायी गयी, जबकि ग्राम पंंचायत महुलीखोरी की जनसंंख्या लगभग 2395 बतायी जाती है, जो 359 से पूरी नही हो रही थी। इसी नाते कोरम के अभाव में बैठक को निरस्त कर दिया गया। वही पूर्व प्रधान राम शंकर यादव द्वारा यह आरोप भी लगाया गया कि 359 मे वर्तमान प्रधान द्वारा दूसरे गांंव के लोगों को लाकर फर्जी तरीके से हस्ताक्षर कराया गया है। गांव की जनता गुप्त मतदान चाहती है, इसी को लेकर कोरम नही पूरा हो सका।
बैठक निरस्त होने के बाद पूर्व प्रधान महुलीखोरी राम शंकर यादव ने उपजिलाधिकारी मनकापुर को लिखित रुप से शिकायती पत्र देते हुए यह मांंग की है कोटे का चयन खुली बैठक मे न कराकर गुप्त मतदान द्वारा कराया जाय ।इस गांव के वर्तमान प्रधान गांंव के लोगो पर यह दबाव बना रहे है कि हमारे कोटे के दुकान मे हमारे प्रत्याशी मोल्हू वर्मा को अगर कोटे के दुकान के लिए चयन नही किया गया तो ग्राम पंचायत से मिलने वाली सुविधाओ का लाभ नही मिल पायेगा।
महुलीखोरी ग्राम पंचायत कोटे के दुकान को लेकर प्रमुख रुप से तीन दावेदार है पूर्व प्रधान राम शंंकर यादव ,माया राम,मोल्हू वर्मा वर्तमान प्रधान मोल्हू वर्मा को कोटे के दुकान के लिए दावेदार बनाया है इसको लेकर प्रधान महुलीखोरी ग्राम पंचायत के प्रधानी से जोडकर पूरी प्रतिष्ठा दाव पर लगाने मे कोई कोर कसर बाकी नही लगा रहे है वर्तमान समय मे प्रधान भाजपा के सक्रिय लोगो के श्रेणी मे बताये जाते है इसका लाभ लेने मे भी पीछे नही दिख रहे वही पूर्व प्रधान शंकर यादव कई बार महुलीखोरी के प्रधान रह चुके है और जिस कोटे की दुकान का चयन होना है यह दुकान पहले इन्ही के पुत्र वधू के नाम थी ।ग्राम महुलीखोरी कोटे की दुकान वर्तमान एवं पूर्व प्रधान के वैयचर्स की लडाई बनती जा रही है।इसको लेकर ग्राम सभा की जनता खुले रुप से किसके साथ रहे इसी को लेकर गुप्त मतदान की बात कर रहे है।