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यूपी : एक दिन के लिए थानेदार बनी इस छात्रा ने ली पुलिसकर्मियों की क्लास, लिए कई बड़े फैसले

इलाहाबाद : आपने नायक मूवी जरूर देखी होगी। इस मूवी में पत्रकार का रोल कर रहे अनिल कपूर एक दिन के लिए सीएम पद की कमान संभालते हैं। एक दिन के लिए सीएम बने अनिल कपूर एक के बाद एक कई बड़े फैसले लेते हैं। यह तो हुई रील लाइफ की बात, लेकिन रियल लाइफ में ऐसा देखने को मिला यूपी के जनपद इलाहाबाद में। जी हां इलाहाबाद में एक दसवीं की छात्रा 1 दिन के लिए थानेदार बनी। 1 दिन के लिए थानेदार बनी छात्रा ने जहां पुलिसकर्मियों की क्लास ली वहीं कई बड़े फैसले भी लिए। आइए जानते हैं कैसे दसवीं की यह यात्रा 1 दिन के लिए थानेदार बनी।

दरअसल 6 अगस्त को पुलिस लाइन में पुलिस रहित समाज विषय पर आयोजित निबंध प्रतियोगिता में सौम्या ने हिस्सा लिया था, जहां उसे पहला पुरस्कार मिला था। पुरुस्कार स्वरुप उसे एक दिन के लिए शहर के पॉश इलाके सिविल लाइंस का थानेदार बनाया गया। एक दिन के लिए थानेदार बनी इस छात्रा ने ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए सड़क पर निकल कर बिना हेलमेट स्कूटी से चलने वाली महिलाओं और लड़कियों को रोककर उनका चालन काटा।

थानेदार सौम्या दुबे की अगुवाई में पुलिस टीम पेट्रोलिंग पर निकली तो सबसे पहली कार्रवाई नो पार्किंग जोन में खड़ी गाड़ियों पर की। रास्ते में खड़े अवैध वाहनों को तत्काल हटाए जाने के निर्देश मिलते ही एसआई, कांस्टेबल के साथ वाहनों पर कार्रवाई करने लगे और सड़क साफ कराई गई।

वाहन चेकिंग के दौरान एक युवक बिना लाइसेंस गाड़ी चलाते हुए पकड़ा गया। एसआई ने युवक को थाना प्रभारी सौम्या के सामने पेश किया गया। तब युवक ने थाना प्रभारी सौम्या के सामने अपनी मजबूरी बताते हुये कहा कि उसके परिजन की तबीयत बहुत खराब है। उसी को ब्लड पहुंचाने के लिए वह जल्दी में जा रहा है। युवक की बात सुनकर सौम्या ने ब्लड की रशीद मांगी। ब्लड रशीद मिलते ही उसकी जांच को कहा और रशीद सही पाये जाने पर थानेदार सौम्या ने युवक सहानुभूति दिखाते हुए तत्काल छोड़ दिया।

थानेदार सौम्या के समक्ष दो सिपाहियों कि छुट्टी का प्रार्थना पत्र आया तो सौम्या ने अपने स्वविवेक से प्रार्थना पत्र पर एक्शन लिया और अपने थाने में तैनात दो सिपाहियों का अवकाश मंजूर कर दिया। दोनों सिपाही अवकाश मिलने पर प्रसन्नचित्त नजर आये। इस दौरान थाने से बाइक लेकर गुजर रहे एक एसआई को हेलमेट लगाकर कर परिसर से बाहर जाने को कहा। उन्होंने कहा कि यातायात के नियम का पालन जब आप करेंगे तभी सही संदेश जायेगा।

थानेदार सौम्या ने जब दारोगाओ के साथ थाने में बैठक की तो वह स्कूल की छात्रा कहीं से भी नजर नहीं आयी। बल्कि एक थानेदार की तरह हर वह जानकारी मांगी। जैसा की एक थानेदार मांगता है। एनसीआर – एफआईआर, 1090 वूमेंस पावर, डायल 100 की पीआरवी में पेट्रोलिंग, सीसीटीएनएस, आनलाइन एफआईआर की पूरी अंदर तक जानकारी ली। फिर पुलिस के रैंक स्ट्रैक्चर, जीडी, कंट्रोल रूम, वायरलेस सैट, एचएस, थानों की दिवालों पर टंगी लिस्ट के बारे में सबकुछ जाना । सौम्या ने डायल 100 सेवा सिस्टम की व्यवहारिकता को परखा और फिर थाना परिसर के भ्रमण पर निकली। थाने में गेट के पास गंदगी दिखने पर तत्काल साफ सफाई का निर्देश दिया और वापस लौटते समय सफाई देखकर मुस्कुरा उठी। थानेदार सौम्या ने लॉकअप कक्ष और आफिस परिसर से लेकर मेस तक का भ्रमण किया। यहां भी उन्होंने साफ सफाई को बढाने के साथ दफ्तर की लोकेशन में बदलाव की सलाह दी।

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