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टेरर फंडिंग मामला : NIA की जाँच में हुआ एक और अहम् खुलासा
नई दिल्ली : कश्मीर में अशांति फैलाने के लिए घाटी के अलगाववादी नेताओं को पाकिस्तान द्वारा की जा रही फंडिंग के मामले के खुलासे के बाद जहां एनआईए ने इन अलगाववादी नेताओं पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है वही NIA को जांच के क्रम में एक और अहम सुराग हाथ लगा है। एनआईए को जांच में यह पता चला है कि पाकिस्तान लगातार सीमा पार व्यापार के जरिये टेरर फंडिंग कर रहा है। मामले के खुलासे के बाद एनआईए ने सरकार से क्रॉस बॉर्डर ट्रेड रोकने की सिफारिश की है। NIA ने ये सिफारिश गृह मंत्रालय से की है।
इससे पहले केंद्र सरकार को सौंपी रिपोर्ट में NIA ने बताया था कि 2010-11 से लेकर 2015-16 के बीच क्रॉस-बॉर्डर ट्रेड से लगभग इन्होंने 500 करोड़ रुपये का फंड इक्कट्ठा किया। व्हिसल ब्लॉवर अपरेश गर्ग के मुताबिक यह आंकड़ा लगभग 800 करोड़ रुपये सालाना भी हो सकता है। 2009-10 में जब PoK की ओर से भारत के बाजार में लगातार सामान आता था, तो उन्होंने उस समय भी इस बात का अंदेशा जताया था, लेकिन तब इस पर ध्यान नहीं दिया गया था। पाकिस्तान के साथ नियंत्रण रेखा वस्तु विनिमय व्यापार साल 2008 में शुरू हुआ था।