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ममता बनर्जी द्वारा संघ प्रमुख के कार्यक्रम पर रोक लगाए जाने के फैसले पर बवाल
नई दिल्ली : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अक्सर अपने फैसलों को लेकर विवादों में रहती है। अभी बीते दिनों ममता बनर्जी द्वारा मुहर्रम में दुर्गा की प्रतिमा के विसर्जन पर रोक लगाने का फैसला लिया गया था, जिसको लेकर काफी बवाल मचा था। अभी यह विवाद शांत भी नहीं हुआ था कि ममता बनर्जी ने एक और विवादित फैसला लिया है। जी हां, ममता बनर्जी सरकार द्वारा संघ प्रमुख मोहन भागवत के होने वाले कार्यक्रम पर रोक लगा दी गई है, जिसके बाद इस मामले को लेकर राजनीति बवाल शुरू हो गया है।
दरअसल पश्चिम बंगाल सरकार ने उस ऑडिटोरियम की बुकिंग कैंसिल कर दी है, जहां राष्ट्रीय स्वयंसेवक के प्रमुख मोहन भागवत भाषण देते वाले थे। कार्यक्रम के आयोजकों को ऑडिटोरियम की बुकिंग के कैंसिल होने की जानकारी मौखिक तौर पर ही दी गई।
ये पहला मौका नहीं है जब ममता सरकार ने संघ प्रमुख के कार्यक्रम पर रोक लगाई है। इससे पहले इसी साल जनवरी में कोलकाता पुलिस ने संघ प्रमुख मोहन भागवत को शहर में रैली करने से भी रोक दिया था। पुलिस ने इस रैली को रद्द करने के पीछे सुरक्षा कारणों का हवाला दिया था। हालांकि कोलकाता हाईकोर्ट ने मोहन भागवत को कोलकाता ब्रिगेड परेड ग्राउंड में रैली करने की इजाजत दे दी थी। वहीं दिसम्बर 2014 में विश्व हिंदू परिषद की रैली को भी परेड ग्राउंड में करने से पुलिस ने रोक दिया था। यहां भी मोहन भागवत भाषण देने वाले थे।