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यूपी में दिखा अस्पताल प्रशासन का शर्मनाक चेहरा, महिला ने अस्पताल के गेट पर दिया बच्चे को जन्म
शाहजहांपुर : जहाँ एक तरफ सरकार लोगों की बेहतरी को लेकर तमाम तरह की योजनाओं की शुरुआत की बात करती है, वहीँ सरकार के तमाम वादे जमीनी स्तर पर विफल साबित होते नज़र आते हैं, जिससे सरकार के इरादों पर सवाल खड़े होते हैं। मामला यूपी के जनपद शाहजहांपुर का है, जहाँ एक अस्पताल प्रशासन का बेहद हीन शर्मनाक चेहरा सामने आया है।
महिला के पति पति आसिफ का कहना है कि उसकी पत्नी फरमीदा को रात एक बजे लाया था लेकिन पूरी रात उसकी पत्नी जमीन पर पड़ी तड़पती रही और सुबह में उसे किसी प्राईवेट अस्पताल में ले जाने की बात कहकर उसे अस्पताल के बाहर निकाल दिया गया। उनके मुताबिक डॉक्टरों को रिश्वत न देने पर उनके साथ ये सल्लोक किया गया। भगाये जाने के बाद जब महिला अस्पताल के बाहर तड़प रही थी लेकिन पास ही मौजूद अस्पताल के अन्दर से ना कोई डाक्टर बाहर आयी और न ही किसी कर्मचारी ने ही बाहर झांकने की जहमत उठाई। महिला और बच्ची लगभग 20 मिनट तक वही तड़पते रहे। पति डाक्टरों से मदद की गुहार लगाता रहा। जब किसी ने पति की नही सुनी तो वो अस्पताल में बनी पुलिस चौकी में गया जहां उसे कोई पुलिस कर्मी नही मिला। इसके बाद डायल 100 पर कॉल करके पति ने पुलिस बुलाई। तब कहीं जाकर महिला को अस्पताल में भर्ती कराया जा सका।
इस मामले में महिला सीएमएस डा0 रेखा शर्मा, का कहना है कि इस नाम का रात मरीज नहीं आया था। मरीज अस्पताल गेट के अंदर आने से पहले ही जमीन पर बच्चे को जन्म दे चुकी थी। उसके द्वारा लगाए गए आरोप निराधार है। वहीं सीएमओ आरपी रावत ने घटना का वीडियो देखने के बाद मामले को गंभीर बताते हुए मामले के जांच के आदेश दे दिए है उनका कहना है कि टीम बना दी गई है जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।