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महागठबंधन में फुट के बाद जदयू में बग़ावत, ये बिगाड़ सकते हैं नीतीश का राजनीतिक समीकरण

पटना : महागठबंधन से नाता तोड़ने के बाद नीतीश कुमार एक बार फिर बिहार के मुख्यमंत्री बन चुके हैं। इस बार वह बीजेपी की मदद से सत्ता में आसीन हुए हैं। एक तरफ महागठबंधन में फूट के बाद जहां नीतीश कुमार ने बीजेपी से नाता जोड़ लिया, वहीं अब जदयू में बगावत के स्वर बुलंद हो रहे हैं। खबर है कि जदयू के कुछ नेता नीतीश कुमार के फैसले से खफा है और वो सरकार गठन के बाद जदयू के खिलाफ जा सकते हैं। जिन जदयू नेताओं के बगावत की खबर है उनमें 11 यादव नेता और पांच मुस्लिम नेता शामिल है।

खबर यह भी है कि अगर यह नेता नीतीश के फैसले के खिलाफ जाते हैं तो इससे नीतीश का राजनीतिक समीकरण बिगड़ सकता है। आपको बता दें कि कल महागठबंधन से नाता तोड़ने के बाद नीतीश कुमार ने अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया था, जिसके बाद बीजेपी ने जदयू को बिना शर्त समर्थन देने का ऐलान किया था। आज BJP की मदद से नीतीश कुमार ने छठी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।

जिन जदयू नेताओं के बगावत की खबर है, उनमें पार्टी के दिग्गज़ नेता शरद यादव और सांसद अली अनवर भी शामिल हैं। सूत्रों के मुताबिक पार्टी के करीब 16 ऐसे विधायक हैं, जो नीतीश के विरोध में जा सकते हैं, जिसमें से 11 यादव और 5 मुस्लिम विधायक हैं। अगर ये विधायक बागी हो जाते हैं, तो ये जेडीयू-एनडीए गठबंधन के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकता है।

बिहार में कुल 243 विधानसभा सीटें हैं। बहुमत के लिए 122 विधायकों का समर्थन जरूरी है। हालांकि, नीतीश (71) और बीजेपी (53) विधायकों को मिला दिया जाए तो इस आकंड़े से दो सीटें अधिक हैं, लेकिन बीजेपी से गठबंधन के बाद ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि जेडीयू के यादव और मुस्लिम विधायक नीतीश सरकार के खिलाफ फ्लोर टेस्ट में विरोध कर सकते हैं। ऐसा इसलिए माना जा रहा है कि पार्टी के वरिष्ठ नेता शरद यादव और सांसद अली अनवर के बागी तेवर खुले तौर पर दिखने लगे हैं।

वहीं विधानसभा में लालू के 80 विधायक हैं और कांग्रेस के पास 27 विधायक है, जबकि अन्य 05 हैं। अगर जेडीयू के बागी विधायकों के साथ छोड़ने के बाद इन 5 को नीतीश अपनी ओर लाते हैं, तब भी ये बहुमत के लिए काफी नहीं होगा।

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