Uncategorized

जिला अस्पताल में नोएडा प्राधिकरण के घोटाले का हुआ उजागर-ह्युमन राइटस रिवोल्यूशन ने किया उजगर

गौतम बुद्ध नगर :- नोएडा के सेक्टर 30 स्थित जिला अस्पताल में नोएडा प्राधिकरण द्वारा किये जा रहे घोटाले का उजागर ह्युमन राइटस रिवोल्यूशन ने किया है। उनके अनुसार प्राधिकरण ने अस्पताल में 101 गार्डों की तैनाती की है। परंतु अस्पताल में 68 गार्ड ही ड्यूटी पर मौजूद रहते है। 33 गार्डों के बारे में अस्पताल के पास कोई जानकारी नहीं है। ह्युमन राइटस ने ये भी आरोप लगाया है कि अस्पताल में रोजाना सिक्योरिटी की गाड़ी आती है, जो बाकि के गार्डों को लेकर जाती है। इन गार्डों की ड्यूटी अस्पताल में ना लगाकर किसी निजी स्कूलों या फिर अस्पतालों में ड्यूटी लगाई जाती है। इसके अलावा महिला गार्डों को नौकरी से निकालने की धमकी देकर उनका शोषण भी किया जाता है।महिला गार्डों के साथ होता है शोषण- हुयमन राइटस रिवोल्यूशन के महासचिव सतीश शर्मा ने बताया कि जिला अस्पताल के पूर्व सुरक्षा अधिकारी कौसलेंद्र भदौयरिया ने जब इस मामले को अस्पताल और प्राधिकरण के सामने उठाया तो उन्हें कई प्रकार की धमकियां मिलने लगी। जब वो उन धमकियों से नहीं डरे और इस मुद्दे को अदालत में ले जाने की बात कहीं तो प्राधिकरण के एक अधिकारी ने उन्हें अस्पताल की सुरक्षा का मुद्दा उठाते हुए जांच करने को कहा। जांच के बाद सुरक्षा अधिकारी को अपने पद से हटा दिया गया। गार्डों की जानकारी प्राधिकरण के पास होती है-सीएमएस अस्पताल की सीएमएस वंदना शर्मा ने इस मामले से बचते हुए कहा कि नोएडा प्राधिकरण के पास गार्डों के बारे में जानकारी होती है। वह जिन गार्डों को जिला अस्पताल भेंज देते है। उन्हें हम ड्यूटी पर लगा देते है। कितने गार्ड मौजूद है और कितने नहीं। इसकी कोई जानकारी नहीं है।नहीं दे पाया अस्पताल गार्डों की लिस्ट जिला अस्पताल में गार्डों को लेकर हो रहे घोटाले का उजागर होने के बाद जब अस्पताल प्रबंधन से 101 गार्डों का ब्यौरा मांगा गया तो अस्पताल के सभी अधिकारी और कर्मचारी एक दूसरे की बगले झांकने लगें। कुछ अधिकारी तो सफाई देने लगे कि कल हम प्राधिकरण से लिस्ट भिजवा देते है। वहीं जिला अस्पताल द्वारा नियुक्त गार्डों के एसओ श्रीपाल सिंह के पास 101 गार्डों की कोई जानकारी नहीं थी। जब उनसे इस बारे में बात की गई तो उन्होंने सुबह में मौजूद 48 गार्डों को गिनाने की बात कही। जब लिस्ट के बारे में उनसे पूछा गया तो उन्होंने रजिस्टर प्राधिकरण के पास होने की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ते हुए दिखाई दिए।महिला गार्डों के साथ होता है शोषण दो माह से अस्पताल ने मेरी सैलरी नहीं दी है। पत्र के माध्यम से सीएमएस और नोएडा प्राधिकरण को इस बारे में शिकायत कई बार दर्ज कराई है। सांसद डॉक्टर महेश शर्मा से भी पत्र लिखाकर सीएमएस और सीएमओ को दिया है। अब सीएमएस वंदना शर्मा लखनऊ जाने की बात कह रही है। रीना, महिला गार्ड फील्ड अधिकारी अक्सर बाहर लेकर जाता है। वो नौकरी से भागने की धमकी देकर हमारा शोषण करता है। इस बात की जानकारी अधिकारियों को कई बार दी गई है। अभी तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।सकीना, महिला गार्ड अस्पताल में कोई भी महिला सुपरवाइजर नहीं है। फील्ड अधिकारी कभी डीपीएस स्कूल तो कभी जेपी अस्पताल में ड्यूटी करने को कहता है। अगर कोई भी महिला गार्ड जाने से मना करती है तो नौकरी छोड़ने की धमकी देना शुरू कर देता है। इसके अलावा अगर कोई महिला गार्ड छुट्टी लेती है, तो घर आकर उसे धमकाने भी लगता है। सुनीता, महिला गार्ड

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Close